बिलासपुर 26 अप्रैल 2022 : स्कूल शिक्षा विभाग में शिक्षकों की पदोन्नति प्रक्रिया में अभी स्टे लगा हुआ है ,जिसकी सुनवाई 26 अप्रैल को होना था पदोन्नति वाले केस का नम्बर तो आया लेकिन सुनवाई अधूरी रही जिसके कारण अब अगली सुनवाई 10 मई को निर्धारित किया गया है ..जैसे कि आप जानते है - स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा वन टाइम रिलेक्सेशन के तहत एल बी संवर्ग की पदोन्नति शिक्षा विभाग में तीन वर्ष की शिक्षकीय अनुभव के आधार पर किया जा रहा है .
पदोन्नति की प्रक्रिया पूर्ण करने के लिए लोकशिक्षण संचालनालय द्वारा समय सीमा जारी किया गया था जिसके अनुसार 31 जनवरी तक मिडिल स्कूल प्रधान पाठक और शिक्षक पद पर पदोन्नति पूरण करना था ,इसी प्रकार प्राथमिक शाला प्रधान पाठक पर 5 फरवरी तक पदोन्नति आदेश जारी करने का आदेश था .
लेकिन अधिकारीयों की उदासीनता के कारण निर्धारित समय सीमा में पदोन्नति नहीं हो पाई और कोर्ट में याचिका लगाने के कारण स्टे लग गया . बस्तर और दुर्ग संभाग में पदोन्नति आदेश जारी किया जा चुका है .अन्य कोई भी जिला और संभाग पदोन्नति नहीं कर पाए है .
पदोन्नति के सम्बन्ध में कोर्ट में सुनवाई
शासन की ओर से किये जा रहे शिक्षकों की पदोन्नति को कुछ शिक्षक कोर्ट में चुनौती देते हुए याचिका दायर किये है ,जिसके लिए 26 अप्रैल को सुनवाई होनी थी लेकिन शासन की ओर से कोर्ट में लगी याचिका पर पूरी जानकारी प्रस्तुत नहीं किया गया जसके कारण पदोन्नति में स्टे यथावत कर दी गयी .
मामले की अगली सुनवाई अब 10 मई 2022 को निर्धारित की गयी है .प्राप्त जानकारी के अनुसार शासन ने अपना रिपोर्ट कोर्ट में अधूरी प्रस्तुत की जिसके कारण सुनवाई पूरी नहीं हो सकी . हजारों सहायक शिक्षकों की नजर आज के फैसले पर थी और उम्मीद लगाये थे कि कोर्ट से स्टे हट जाएगी और जल्द ही प्रमोशन का लाभ उन्हें मिलेगा ,लेकिन ये सब धरी की धरी रह गयी और ,,सहायक शिक्षकों को निराशा हाथ लगी .
कोर्ट से स्टे हटने के बाद जल्द ही शिक्षकों की पदोन्नति हो सकेगी . यदि 10 मई को कोर्ट से पदोन्नति पर स्टे हट जायेगा तो मई माह के अंत तक पदोन्नति पूर्ण होने की उम्मीद है .
पदोन्नति मामले की कोर्ट में स्टेटस यहाँ देखें
पदोन्नति मामले में लगी केस की सुनवाई हाई कोर्ट में डिविजन बेंच में होगी .इस केश के पिटीशनर शैलेश कुमार है और रिस्पोंडेंट छत्तीसगढ़ शासन को बनाया गया है .
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सरकार की सोची समझी राजनीति है वह जान पुछकर समय को बढ़ाना चाहता है।देने की मनसा नहीं है अभी सीधीबात इसीलिए जान पुछकर विलंब करना चाहता है।
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