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अंक सूचि बिग अपडेट : सिर्फ सील लगाकर दिया गया मार्कसीट मान्य नहीं ,,,, ग्रेड भरना जरुरी - कैसे बनायें जनरल प्रमोशन अंक सूचि यहाँ देखें

अंक सूचि में ग्रेड भरना अनिवार्य - केवल सील लगाकर जारी नहीं करना है -


कोरोना के कारण बच्चों की पढ़ाई बहुत अधिक प्रभावित हुआ है ,जिसका परिणाम ये हुआ है कि किसी भी प्रकार की ऑफलाइन परीक्षा नहीं लिया जा सका है। कक्षा 1 से 8 एवं 9 वीं और 11 वीं के विद्यार्थियों को जनरल प्रमोशन दे दिया गया है। 

जनरल प्रमोशन की घोषणा के बाद अब स्कूल में शिक्षकों को अंक सूचि बनाने का काम शेष बच गया है। शिक्षकों द्वारा स्कूल स्तर में अंकसूची बना भी लिया गया ,लेकिन प्राप्त जानकारी के अनुसार जो अंकसूची बनाये जा रहे है वह पूरी तरह से ब्लैंक या खाली है। 

अंक सूचि को इस तरह खाली जारी करना सहीं नहीं माना जा रहा है। ऐसे में अब सवाल ये आता है कि जब बच्चों की परीक्षा हुई ही नहीं है तो उन्हें नंबर कैसे दें ? तो चलिए साथियों आपको बताते है इस समस्या का समाधान। 

अंक सूचि में ग्रेड भरें - ये है ग्रेड का सोर्स 

साथियों जैसे कि आप सभी को मालूम है ,कोरोना के कारण स्कूल पूरी तरह से बच्चों के लिए बंद कर दिए है। राज्य शासन द्वारा बच्चों की पढाई जारी रखने के लिए विभिन्न प्रयास किये जा रहे है। 

जैसे - पढ़ाई तुंहर दुआर , मोहल्ला क्लास ,बुल्टू के बोल इत्यादि। इन माध्यमों से बच्चों को पढ़ाई से जोड़ा गया। इसमें शिक्षकों द्वारा  नवाचार किया गया और बच्चों को शिक्षा प्रदान किया जा रहा है। 

शिक्षकों द्वारा विभिन्न माध्यमों से कोरोना संकट काल में भी बच्चों की पढ़ाई जारी रखा गया। शासन स्तर में शिक्षकों के विभिन्न अध्ययन -अध्यापन को सत्यापित करने के लिए बच्चों का आंकलन करने के आदेश जारी किये गये थे। 

विभाग के आदेश के अनुसार शिक्षक बच्चों का आंकलन किये थे - इसी आंकलन के आधार पर जनरल प्रमोशन अंक सूचि तैयार किया जाना है। अब इसके लिए बहुत जल्द ही उच्च कार्यालय से आदेश जारी किया जायेगा। 

ये अंकसूची जारी किये जा रहे 



अभी स्कूलों द्वारा जो मार्कशीट जारी किया जा रहा है वह ऊपर दिए गए मार्कशीट के प्रारूप जैसा है ,जिसे अधिकारी गलत बता रहे है। 

इस प्रारूप में जारी करें - अंकसूची 


विद्यार्थियों के आंकलन के आधार पर उन्हें ग्रेड प्रदान करें और अंकसूची में लिखें। ऊपर दिया गया अंकसूची एक डमी अंकसूची है इसी प्रकार की अंकसूची स्कूलों को जारी करना है। 

जो अंकसूची अभी तक जारी कर दिए गए है ,उनको फिर से स्कूलों द्वारा मंगाया जायेगा ,और उनमे विद्यार्थियों का ग्रेड भरकर पुनः उन्हें दिया जाएगा। 

शिक्षा विभाग के उच्च कार्यालयों द्वारा अभी तक अंकसूची के निश्चित प्रारूप  जारी नहीं किया गया है ,इसी कारण शिक्षकों में कन्फ्यूजन की स्थिति बानी हुई है। 

यदि उच्च कार्यालय  द्वारा बच्चों के अंकसूची तैयार करने के निर्देश और प्रारूप स्पष्ट रूप से जारी किया जाता तो किसी प्रकार की अव्यवस्था नहीं होती।  

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