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कक्षा दसवीं का रिजल्ट स्कूल स्तर में बनाने के आदेश - अपने विद्यार्थियों को बहुत अधिक अंक नहीं दे पाएंगे शिक्षक - CBSE Class 10Th Results Will Be Made In The School Itself

स्कूल में ही बनेंगे  - CBSE Class 10Th Result 

कोरोना संक्रमण के कारण स्कूल स्तर की सत्र 2020-21 की कोई भी परीक्षा नहीं हो पायी है ,और सभी कक्षा में जनरल प्रमोशन दे दिया गया है। ऐसे में अब शिक्षा विभाग के पास सबसे बड़ी चुनौती बोर्ड कक्षाओं के परिणाम की घोषणा करने की है। 

आपको बता दें कि बोर्ड कक्षा के 10 वीं और 12 वीं दोनों ही परीक्षा स्थगित कर दी गयी है। वहीँ  कक्षा 10 वीं के विद्यार्थियों को जनरल प्रमोशन देने की घोषणा भी विभाग द्वारा किया जा चूका है। अब परिणाम की घोषणा भी बहुत जल्दी होने वाली है। 


CGBSE और CBSE दोनों ही बोर्ड के कक्षा 10 वीं की परीक्षा स्थगित करने के पश्चात जनरल प्रमोशन दे दिया गया है। सीबीएसई बोर्ड में कक्षा दसवीं के बच्चों का रिजल्ट स्कूल स्तर में बनाने का आदेश जारी किया गया है। 

स्कूल में ही बनेगा 10 वीं का रिजल्ट 

सीबीएसई ने दसवीं कक्षा के  रिजल्ट बनाने की जिम्मेदारी सम्बंधित स्कूलों को ही सौंप दिया है। सीबीएसई के इस आदेश के बाद अब स्कूल प्रबंधन कक्षा दसवीं के विद्यार्थियों का रिजल्ट उनके स्तर के अनुसार तैयार करेंगे। 

रिजल्ट तैयार करने के लिए सीबीएसई ने स्कूलों को कई दिशा निर्देश जारी किये है ,जिससे कोई भी स्कूल अपने विद्यार्थियों को मनमाने तरीके से अंक नहीं दे पाएंगे। 

स्कूल द्वारा रिजल्ट बनाने के लिए पिछले वर्षों के परीक्षा परिणाम को भी ध्यान में रखना होगा। अर्थात किसी भी स्कूल में विद्यार्थियों के उत्तीर्ण और अनुतीर्ण होने का अनुपात किस प्रकार रहा इसे भी आधार मानने कहा गया है। 

बच्चों को  कितना अंक दे सकते है स्कूल -देखें 

बोर्ड द्वारा कक्षा 10 वीं  का रिजल्ट स्कूल स्तर में ही बनाने कहा गया है ,इसका ये मतलब बिलकुल भी नहीं है कि स्कूल जितना चाहे उतना नंबर अपने विद्यार्थी को दे सकते है। 

सीबीएसई के नियमों के मुताबिक पिछले तीन वर्षों में जिस वर्ष सबसे अच्छा रिजल्ट आया होगा उससे बेहतर रिजल्ट इस वर्ष नहीं दिया जा सकता है। 

यदि पिछले  वर्षों में छात्र फेल हुए है तो इस बार भी छात्र फेल हो सकते है। रिजल्ट बनाते समय स्कूल प्रबंधन को इस नियम  करना होगा। इसके लिए बोर्ड अपने स्तर पर एक्सटर्नल टीम भेज सकता है। स्कूल स्तर में भी एक कमेटी बनानी है जो नियम का पालन हो रहा है या नहीं ये देखेगी। 

 छात्रों को इन छह वर्गों में बांटा गया

सीबीएसई बोर्ड ने अंकों के आधार पर छात्रों को छह वर्गों में बाँट दिया है। जिसमे अंकों के प्रतिशत के आधार पर विद्यार्थी पृथक किये जा सकेंगे। स्कूलों को भी ये निर्देश दिए गए है कि सभी वर्गों में विद्यार्थी हो इसका विशेष ध्यान रखा जाये। 

विद्यार्थियों को अंकों के आधार पर कौन कौन से वर्ग में बांटा गया है सभी वर्ग इस प्रकार है -

पहला वर्ग - 26 फीसदी से कम अर्थात फेल या प्रमोटेड वाले छात्र 

दूसरा वर्ग - 26 से 40 फीसदी प्राप्त करने वाले छात्र 

तीसरा  वर्ग - 40  से 50 फीसदी प्राप्त करने वाले छात्र 

चौथा वर्ग - 50 से 60  फीसदी प्राप्त करने वाले छात्र 

पांचवा  वर्ग - 60  से 70  फीसदी प्राप्त करने वाले छात्र 

छठवां  वर्ग - 70 से 80  फीसदी प्राप्त करने वाले छात्र 

इनवर्गों में वर्गीकरण करके स्कूल द्वारा रिजल्ट तैयार किया जाएगा। स्कूलों द्वारा सभी छात्रों को 70 से 80 फीसदी वाले वर्ग में नहीं रखा जा सकता। इसके साथ ही इस बार भी छात्रों को पिछले सालों के अनुसार औसत अंक दिए जायेंगे। 

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