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जिला शिक्षा अधिकारी सस्पेंड - स्कूल शिक्षा विभाग ने जारी किया आदेश ,,,,सैकड़ों कर्मचारी की नियम विरूद्ध नियुक्ति मामले में किया गया निलंबित -पूरा विवरण देखें

रायपुर  -  स्कूल शिक्षा विभाग ने  बड़ी कार्यवाही करते हुए बस्तर के जिलाशिक्षा अधिकारी राजेंद्र कुमार झा को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। इसके लिए आदेश भी शिक्षा विभाग ने जारी  कर दिए है। 

प्राप्त जानकारी के अनुसार बस्तर डीईओ के ऊपर कई गंभीर आरोप लगा हुआ था। जिसके अनुसार गलत तरीके से अनुकम्पा नियुक्ति और नियम विरुद्ध कर्मचारियों को पदस्थापना दिया जाना शामिल है। 

झा के विरूद्ध हाई कोर्ट में याचिका भी दायर किया गया था जिस पर एक दिसंबर को कोर्ट ने राजेंद्र कुमार झा से जवाब तालाब भी किया था। 


राज्य सरकार ने जारी किया निलंबन आदेश 


राज्य शासन के स्कूल शिक्षा विभाग ने सस्पेंशन आदेश जारी किया है ,जिसमे उल्लेख किया गया है कि DEO के पद में रहते हुए अपात्र लोगों को अनुकम्पा नियुक्ति दे दिया था। इसमें आकाश सिंह ,कुमारी हिमिका राव ,मोहित कुमार ध्रुव शामिल है। 

निलंबन आदेश में कहा गया है कि - राजेंद्र कुमार झा तत्कालीन व प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी बस्तर जगदलपुर के छग सिविल सेवा वर्गीकरण नियंत्रण तथा अपील नियम 1966 के नियम 9-1 क के तहत तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाता है तथा इसका मुख्यालय लोक शिक्षण संचालनालय रायपुर निर्धारित किया जाता है। 

बिना विज्ञापन जारी किये 403 भृत्यों की नियुक्ति 

प्राप्त जानकारी के अनुसार बस्तर जिला शिक्षा अधिकारी राजेंद्र कुमार झा ने 2013-14 और 2017-18 में बिना विज्ञापन जारी किये ही स्कूलों में 403 पदों पर भृत्यों की नियुक्ति कर दी थी। 

इसके अलावा अनुकम्पा नियुक्ति भी नियम विरुद्ध कर दिए है। इन सभी मामलों में कमिश्नर से भी शिकायत की गयी है। मामला कोर्ट में भी चल रहा है जिसकी अगली सुनवाई चार हफ्ते बाद होनी है। 


 क्या था पूरा मामला यहाँ देखें 


आपको बता दें कि ये जो पूरा मामला है इसमें कोई एक अधिकारी शामिल नहीं है बल्कि पूरा अमला नीचे से लेकर ऊपर तक शामिल है। इस मामले में बस्तर जिले के शिक्षा विभाग में वर्ष 2017 में जिला शिक्षा अधिकारी राजेंद्र झा एवं सम्बंधित विभाग की कृपा ने नियम विरुद्ध कर्मचारियों की नियुक्ति एवं अनुकम्पा नियुक्ति दे दी थी। 

इस पुरे मामले में 403 भृत्य और तीन अनुकम्पा नियुक्ति शासन द्वारा निर्धारित सभी भर्ती एवं अनुकम्पा नियुक्ति नियम को किनारे करते हुए फर्जी नियुक्ति दे दिया गया। 

इतना ही नहीं जितने भी कर्मचारियों की नियुक्ति दे गयी उनकी पदस्थापना और शासन से बजट लेकर उन्हें वेतन भी जारी कर दिया गया। इस मामले में बस्तर अधिकार संयुक्त मुक्ति मोर्चा ने बस्तर कमिश्नर और कलेक्टर से मुलाकात कर शिकायत दर्ज कराई थी। 

इसके पश्चात बस्तर कलेक्टर और कमिश्नर ने अपने स्तर में जांच कर सम्पूर्ण जानकारी सम्बंधित कार्यालय से मांगे थी ,जिसमे इस कार्यालय से सम्बंधित दो जिला शिक्षा अधिकारी और एक डिप्टी कलेक्टर द्वारा पुरे मामले की जाँच कर अपना रिपोर्ट सौंपा गया। 

उक्त अधिकारीयों के रिपोर्ट में शिकायत के बिंदुओं को सही पाया गया। और रिपोर्ट में स्पष्ट किया गया कि तात्कालिक जिला शिक्षा अधिकारी और कार्यालय द्वारा कर्मचारियों की भर्ती और अनुकम्पा नियुक्ति में शासन के नियमों का पालन नहीं किया गया। 

आपको यहाँ पर ये जानना भी बहुत जरुरी है कि - इतने बड़ी लापरवाही और शासन के नियमों के विरुद्ध कर्मचारियों की नियुक्ति के बाद भी सम्बंधित कार्यालय और अधिकारीयों पर कोई कार्यवाही नहीं किया गया था। 

और न ही नियम विरुद्ध भर्ती को निरस्त किया गया और न ही उनके विरुद्ध कोई आपराधिक मामला दर्ज किया गया। अब देखना ये है कि इस मामले को आगे किस प्रकार निपटाया जाता है। आगे की अपडेट के लिए abdsnews.com के साथ बने रहिये। धन्यवाद। 

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