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छत्तीसगढ़ में कक्षा 1 से 8 तक फेल -पास व्यवस्था होगी लागु - 5 वीं और 8 वीं हो सकती है बोर्ड परीक्षा - देखें ये सर्वे

Fail Pass System From Class 1 To 8 | Board Exam Will Be Held For Class 5th Ans 8th 

आठवीं कक्षा तक की परीक्षा को लेकर सीजी स्कूल पोर्टल पर बच्चों और शिक्षकों के बीच कराये गए सर्वे के अनुसार 87 प्रतिशत बच्चे चाहते है फेल पास व्यवस्था और 92 प्रतिशत शिक्षक कक्षा 5 वीं और 8 वीं को बोर्ड परीक्षा करने के पक्ष में है। 


छग राज्य में शिक्षा के स्तर और गुणवत्ता सुधार के लिए नित नए प्रयोग किये जा रहे है जिसके कारण कोई स्थायित्व नहीं आ पा रहा है , समय समय पर विभिन्न सर्वे भी किया जा रहा है ,इसी क्रम में समग्र शिक्षा शिक्षा द्वारा सीजी स्कूल पोर्टल पर शिक्षक और बच्चों से एक सर्वे कराया गया है। 

इस सर्वे में 87 प्रतिशत बच्चे चाहते है कि प्रदेश में 8 वीं तक की  परीक्षा में फेल पास व्यवस्था लागू किया जाना चाहिए। वहीँ 92 प्रतिशत शिक्षक भी 8 वीं कक्षा तक परीक्षा व्यवस्था के पक्ष में है। 

5 वीं ,8 वीं बोर्ड करने राज्य को अधिकार 

केंद्र शासन ने शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आर टी ई ) के प्रावधान में परीक्षा को लेकर राज्यों को छुट प्रदान की है .इसके तहत राज्य 5 वीं ,8 वीं बोर्ड परीक्षा आयोजित कर सकते है .कुछ राज्यों ने छुट मिलने के बाद अपने यहाँ परीक्षा व्यवस्था पुनः लागु कर दी है। 

छत्तीसगढ़ में भी कक्षा 5 वीं और 8 वीं में परीक्षा व्यवस्था लागू कर बोर्ड परीक्षा करने पर विचार विमर्श शुरू हो गया है . इसी लिए परीक्षा व्यवस्था लागू करने से पहले शिक्षकों और बच्चों में इसके लिए क्या विचार है , सर्वे के माध्यम से  इसे जानने की कोशिस की गयी है। 

कक्षोंन्नती पद्धति हो सकती है समाप्त 

शिक्षा विभाग के द्वारा सीजी स्कूल पोर्टल में कराये गए सर्वे के अनुसार 87 प्रतिशत बच्चों की राय है कि कक्षा 8 वीं तक कक्षोंन्नती पद्धति को समाप्त कर पास -फेल व्यवस्था को पुनः प्रारंभ किया जाये .ताकि बच्चों में मेहनत करने की आदत विकसित हो सके। 

यदि पास -फेल व्यवस्था लागू हुआ तो कक्षोंन्नती पद्धति समाप्त हो जाएगी और इसके साथ ही कक्षा 5 वीं और 8 वीं पुनः बोर्ड परीक्षा होगी .सर्वे में 92 प्रतिशत शिक्षक भी इसी पक्ष में है कि प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्तर में परीक्षा व्यवस्था लागू की जाय। 

कक्षा पहली से आठवीं तक फेल पास व्यवस्था और कक्षा 5 वीं एवं 8 वीं को बोर्ड परीक्षा करने  के सम्बन्ध में आपका क्या विचार है .नीचे कमेन्ट बॉक्स में लिखकर जरुर भेजें .साथ ही वर्तमान शिक्षा व्यवस्था के सम्बन्ध में आप क्या कहना चाहेंगे . अपनी राय जरुर दें। 

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1 Comments

  1. पांचवी आठवीं बोर्ड कर देने से क्या हो जाएगा? फेल नहीं करने की जो नीति है RTE उसका क्या होगा? जो बच्चे बेसलाइन क्लास में अर्थात प्राइमरी में है उनकी नींव जब तक मजबूत नहीं की जाएगी वहां के शिक्षकों के द्वारा तब तक शिक्षा के सुदृढ़ीकरण की कल्पना नहीं की जा सकती। इसमें पालकों को भी अपने पाल्य की शिक्षा का ध्यान, निगरानी, गृह कार्य कराने में सहयोग कराना होगा क्योंकि जो बच्चा कमजोर है वह शिक्षकों की नजरों से हटता चला जाता है और अंततः कमजोर रहता है। बेहतर होगा कड़ाई से प्राथमिक शिक्षा पर ध्यान दिया जाए यह प्रयास किया जाए कि सभी बच्चों में पूर्णतः दक्षता आ जाए। पास फैल की नीति दोबारा लागू करने से नकल की प्रवृत्ति और बढ़ेगी क्योंकि शिक्षकों को भी अपना परफॉर्मेंस शो करना होता है जो कमजोर बच्चे हैं उन्हें भी पास करने का प्रयास किया जाता है भले वे दक्ष न हो और वह कमजोर बच्चा मिडिल या ऊपरी कक्षा में बिना दक्षता के पहुंँच जाता है। सबसे प्रमुख बात है कि प्राथमिक शाला में कड़ाई से परीक्षा पद्धति लागू हो, नकल बिल्कुल ना हो तभी पता चलेगा कि शिक्षा की वास्तविक वस्तुस्थिति कैसी है। कमजोर बच्चों को नकल करा कर मिडिल स्कूल में धकेले जाते हैं और फिर वह स्थिति बच्चों की अंत तक बनी रहती है।
    पढ़ाना और सिखाना दोनों अलग-अलग बातें हैं शिक्षक ने जो पढ़ाया उसे विद्यार्थी ने कितना आत्मसात किया या सीख पाया इस बात की जिम्मेदारी जब तक नहीं दी जाएगी तब तक पास फेल करने की पद्धति लागू करना बेईमानी होगी।

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