स्कूल शिक्षा में लगातार नए नए अवधारणा से बच्चों की शिक्षा के स्तर को उपर उठाने का प्रयास विभाग द्वारा किया जाता है .इसी क्रम में अब सरकारी स्कूल में एक नया कांसेप्ट लागु होने जा रहा है ,जो काफी रोचक होगा .यह अवधारणा सरकारी स्कूल को नए पहचान देगी .
बच्चों की शुरूआती शिक्षा के लिए प्ले स्कूल की संकल्पना अभी शहरों तक ही सिमित रही है .लेकिन अब सरकार शैक्षणिक सत्र 2022-23 से विद्या प्रवेश कार्यक्रम के जरिये इसे गाँव के स्कूलों में भी शुरू करेगी .इसकी तैयारी शुरू हो गयी है .
शिक्षा मंत्रालय से एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार विद्या प्रवेश कार्यक्रम के तहत पहली कक्षा में प्रवेश से पहले बच्चों को तीन महीने का एक ख़ास कोर्स कराया जाएगा .इसमें उन्हें खेलते हुए पहली कक्षा से पहले जरुरी अक्षर और संख्या ज्ञान दिया जाएगा .
शिक्षा मंत्रालय के अनुसार विद्या प्रवेश कार्यक्रम का प्रारूप सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को भेजा जा चूका है जिससे इस कार्यक्रम को पुरे देश में एक साथ अपनाया जा सके .
विद्या प्रवेश कार्यक्रम बाल वाटिका के सीखने के परिणामों पर आधारित होगा .इसका उद्देश्य स्वास्थ्य कल्याण भाषा साक्षरता ,गणितीय सोच और पर्यावरण जागरूकता से सम्बंधित मुलभुत दक्षताओं को विकसित करने के लिए बच्चों तक समान गुणवत्ता सुनिश्चित करना है .
3 माह के खेल आधारित कार्यक्रम से बच्चों को जोड़ा जाएगा
राज्य इसे अपनी जरूरत के हिसाब से लागू करेंगे। इसका मकसद स्वास्थ्य कल्याण, भाषा साक्षरता, गणितीय सोच और पर्यावरण जागरूकता से संबंधित मूलभूत दक्षताओं को विकसित करने के लिये बच्चों तक समान गुणवत्ता पहुंच सुनिश्चित करना है। विद्या प्रवेश कार्यक्रम में 3 महीने का खेल आधारित कार्यक्रम रखा गया है जो प्रतिदिन चार घंटे का होगा। यह विकासात्मक गतिविधियों एवं स्थानीय खेल सामग्रियों के उपयोग के साथ अनुभव आधारित शिक्षा को बढ़ावा देता है।
बालवाडी के लिए प्रशिक्षण
जिन शालाओं में बालवाडी का सञ्चालन होना है वहां के शिक्षकों का प्रशिक्षण डाइट में शुरू हो गया है .साथ ही बालवाडी संचालन के लिए शिक्षकों से सहमती पत्र भी भरवाया जा रहा है .
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1 Comments
पढ़ाई एक प्रयोग हो गया है
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