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हड़ताल ब्रेकिंग : वेतन विसंगति को लेकर सहायक शिक्षकों का अनिश्चित कालीन आन्दोलन शुरू - स्कूलों में लटके ताले

 वेतन विसंगति की एक सूत्रीय मांग को लेकर प्रदेश के एक लाख नौ हजार सहायक शिक्षक आज 11 दिसम्बर से अनिश्चित कालीन आन्दोलन शुरू कर दिए है जिसके कारण राज्य के सभी सरकारी प्रायमरी स्कूल बंद हो गए है .सहयक शिक्षकों का कहना है कि इस स्थिति के लिए सरकार स्वयं जिम्मेदार है .

सहायक शिक्षकों के वेतन विसंगति का मामला शुरू से बना हुआ है ,क्योंकि इनके वेतन में शिक्षक और व्याख्याता की तुलना में काफी अंतर है .जिसके कारण सहायक शिक्षकों को प्रतिमाह 10 से 15 हजार रूपये का आर्थिक नुकसान हो रहा है .




सहायक शिक्षकों के अनिश्चित कालीन आन्दोलन में चले जाने के कारण स्चूलों में शिक्षकीय कार्य पूरी तरह से प्रभावित हो जाएगा .ये आन्दोलन छग  सहायक शिक्षक फेडरेशन के नेतृत्व में किये जा रहे है .

शिक्षा विभाग में संविलियन के बाद सहायक शिक्षकों का वेतन विसंगति ज्यादा गंभीर हो गया है ,इस वेतन विसंगति को दूर करने की मांग काफी समय से किया जा रहा है ,लेकिन अभी तक इसका कोई भी हल नहीं निकल पाया है .

सहायक शिक्षकों के वेतन में विसंगति है इसे सरकार ने भी मान लिया है ,इसके बाद भी वेतन विसंगति को दूर नहीं किया जा रहा है .इससे परेशान होकर प्रदेश के सहायक शिक्षकों ने छग सहायक शिक्षक फेडरेशन के नेतृत्व में आन्दोलन करने का निर्णय लिया है .

13 दिसम्बर को करेंगे विधान सभा का घेराव 

सहायक शिक्षकों द्वारा आन्दोलन की शुरुआत 11 दिस्मबर से किया जा रहा है ,और पूर्व निर्धारित योजना के अनुसार 11 और 12 दिसम्बर को ब्लॉक मुख्यालय में आन्दोलन किया जाएगा और उसके बाद भी उनकी मांग नहीं माने गए तो 13 दिसम्बर राजधानी रायपुर में विशाल रैली के साथ विधान सभा का घेराव करने का निर्णय लिया गया है .

अभी नहीं तो कभी नहीं 

सहायक शिक्षकों द्वारा इस बार आर पार की लड़ाई लड़ने का मन बना लिया है ,और जब तक उनकी एक सूत्रीय मांग वेतन विसंगति दूर नहीं हो जाती तक आन्दोलन करने का निर्णय लिए है .और प्रदेश के सभी सहायक शिक्षकों को इस आन्दोलन में अपनी पूरी सहभागिता निभाने कह रहे है .

सरकार के तीन वर्ष पूरा होने को है लेकिन चुनावी घोषणा पत्र में किये गए वादे क्रमोन्नति और वेतन विसंगति दूर करने के मुद्दे पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है . जिसके कारण प्रदेश के सहायक शिक्षक अभी नहीं तो कभी नहीं के थीम में आन्दोलन के लिए कमर कस लिए है .

वेतन विसंगति के लिए बनी कमेटी की रिपोर्ट 

तीन महीने पहले सरकार द्वारा सहायक शिक्षकों के वेतन विसंगति को  दूर करने के लिए एक कमेटी बनायीं थी ,जिसकी मियाद 5 दिसम्बर को समाप्त हो गयी है ,लेकिन रिपोर्ट अभी तक नहीं आई है .इससे सरकार के मंशा पर सहायक शिक्षकों ने प्रश्न चिन्ह लगाते हुए कह रहे है कि - सरकार उनके साथ अनदेखी कर रही है .

सरकार द्वारा ऐसे कई कमेटी बना दिया जाता है लेकिन उस कमेटी का रिपोर्ट कब आता है और यदि रिपोर्ट आ भी गया तो उस पर निर्णय नहीं लिया जाता है .इसलिए भी सरकार के नियत पर सवाल उठना लाजमी है . 

स्कूलों  में ताले बंदी 

सहायक शिक्षकों के अनिश्चित कालीन आन्दोलन में चले जाने से प्रदेश के सभी प्राथमिक स्चूलों में ताले बंदी की स्थिति निर्मित हो गयी . सरकारी अमले में व्यवस्था को सँभालने का प्रयास किया जा रहा है -कि कम से कम बच्चों का मध्यान्ह भोजन बन जाये .

स्कूलों में ताले बंदी से बच्चों के पढ़ाई फिर से प्रभावित हो जायेंगे ,क्योंकि दो साल तक कोरोना के कारण स्कूल के ताले बंद थे और अब हड़ताल के कारण स्कूल बंद हो गए है .

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