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जिला शिक्षा अधिकारी कबीरधाम ने कोरोना गाइडलाइन का पालन नहीं किया - न मास्क न सोशल डिस्टेंसिंग

 क्या जिला शिक्षा अधिकारी के लिए कोरोना गाइडलाइन अनिवार्य नहीं ?? 

जिला कबीरधाम के जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा  स्कूलों में निरिक्षण किया जा रहा है। इस क्रम में पिछले दिनों विकास खंड लोहारा के शासकीय प्राथमिक शाला रक्से का निरिक्षण 31 जुलाई 21 को किया गया। जहां शिक्षकों द्वारा कोरोना गाइड लाइन का पालन करते हुए बच्चों को मोहल्ला क्लास में पढ़ा रहे थे। 

निरीक्षण के दौरान जिला शिक्षा अधिकारी ने शिक्षक से कुछ शब्द लिखवाये गए जिसमे एक सहायक शिक्षक से खबराहट के कारण अंत्येष्टि शब्द में त्रुटि  हो गयी ,जिसके लिए डीईओ द्वारा शिक्षक को कहा गया कि ,तुम हिंदी साहित्य में एम ए किये हो और अंत्येष्टि नहीं लिख पा रहे हो। 


इसके बाद डीईओ ने सम्बंधित स्कूल के प्रधान पाठक को तुम कहकर बुलाया और उन्हें भी इसके लिए  डांट लगाने लगे। और कहने लगे कि कक्षा चौथी  पुस्तक नहीं पढ़ पा रहे है ,  क्या पढ़ाते हो ? इन सबके बाद जिला शिक्षा अधिकारी ने 05 अगस्त को सहायक शिक्षक की वेतन वृद्धि रोकने के आदेश जारी कर दिए। 

जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा जारी  आदेश में भी असमर्थता शब्द को गलत लिखा गया जिसमे स्वयं जिला शिक्षा अधिकारी कबीरधाम ने हस्ताक्षर किये है। इसकी पूरी जानकारी आप नीचे आर्टिकल में पढ़ें -

पढ़ें - डीईओ के आदेश में बड़ी गलती - क्या इस पर होगी कार्यवाही 

DEO ने नहीं किया कोरोना गाइडलाइन का पालन 

जिला शिक्षा अधिकारी कबीरधाम ने स्कूलों के  निरीक्षण के दौरान कोरोना गाइडलाइन की धज्जी उड़ाई है। क्या इस डीईओ के लिए मास्क लगाना अनिवार्य नहीं है ? क्या DEO को बच्चों और शिक्षकों के बीच जाने पर मास्क नहीं लगाना चाहिए ? 

जिला शिक्षा अधिकारी ने विकासखंड लोहारा के प्राथमिक शाला के निरिक्षण के दौरान बिना मास्क के शिक्षक और बच्चों के बीच गए ,जो एक जिम्मेदार अधिकारी के कोरोना जैसे महामारी से बचाव के प्रति उदासीनता को प्रदर्शित करता है। 

DEO के इस प्रकार का कृत्य उचित नहीं कहा जा सकता ,क्योंकि कोरोना से बचाव हेतु जारी गाइडलाइन -जैसे मास्क लगाना ,सेनेटाइजेशन ,सोशल डिस्टेंसिंग इत्यादि का पालन सभी नागरिकों के लिए अनिवार्य है। 

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3 Comments

  1. बड़े अधिकारियों द्वारा नियम का पालन नहीं किया जा रहा है,,जो इस महामारी को हल्के में लिया जा रहा,, और इस लापरवाही से बच्चे भी खतरे में पड़ सकते हैं।।
    इस तरह शिक्षक को मीडिया के सामने जलील करना ठीक नहीं है,,,

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  2. हीरोगिरी के चक्कर मे डीईओ साब मास्क लगाना भूल गए...जिस ऑर्डर में उसने सिग्नेचर किये उसमे असमर्थता गलत लिखा अतः उनकी पूरी जिम्मेदारी होती है अतः उसकी भी वेतनवृद्धि रोकी जाए..

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  3. अंत्येष्टि को अंत्येष्ठि बोला जा रहा है, जिसका अर्थ तो साहब ही बता सकते हैं। किंतु फिर भी यदि शिक्षक ने अंत्येष्टि लिखा होगा (जैसा कि वीडियो में सुनाई दे रहा है ट नहीं ठ होगा) तब तो शिक्षक ने साहब की हिंदी को सुधारकर सही किया और यदि अंत्येष्ठि लिखा तब भी सही लिखा।

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