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वेक्सीन नहीं लगवाने वालों का रुकेगा वेतन - सहायक आयुक्त ने जारी किया आदेश

छग (जीपीएम 27.052021) - कोरोना वायरस के बचाव के लिए पुरे देशभर में टीकाकरण अभियान चल रहा है ,वहीँ कुछ लोग अफवाह में आकर टटीका नहीं लगवा रहे है ,जिसमे सरकारी अधिकारी और कर्मचारी भी शामिल है। शिक्षित वर्ग का इस तरह व्यवहार सही नहीं है। टीकाकरण सभी के लिए अनिवार्य है। 



टीकाकरण से बहुत हद तक कोरोना संक्रमण और उसके प्रभाव को काम किया जा सकता है। और ये प्रमाणित भी हो चुकी है। कई देश टीकाकरण में काफी आगे हो चुके है और वहां मास्क फ्री कर दिया गया है ,साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग की बाध्यता भी समाप्त कर दिया गया है। 

वेतन रोकने के आदेश 

छत्तीसगढ़ के जीपीएम जिले के आदिवासी विकास विभाग  के सहायक आयुक्त के एस मसराम जिले के अधिकारी कर्मचारियों के लिए एक आदेश जारी किया है जिसमे कहा गया है कि यदि कोई अधिकारी कर्मचारी कोरोना का टीका नहीं लगवाता है तो उनको सैलरी (वेतन) रोक दी जाएगी। 

सहायक आयुक्त श्री मसराम ने कहा है कि सभी कर्मचारी और अधिकारी टीका जरूर लगवाएं। यदि नहीं लगवाते है तो जून महीने की सैलरी रोक दी जाएगी। यह  आदेश सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। 

आदेश के परिप्रेक्ष्य में सहायक आयुक्त ने कहा है कि इस आदेश से फायदा भी हुआ है ,इसकी वजह से लगभग 90 प्रतिशत अधिकारी कर्मचारियों ने टीकाकरण करवा लिया है। उन्होंने ये भी कहा कि ये आदेश डराने के लिए नहीं है बल्कि वेक्सिनेशन के लिए है। औरहमारा उद्देश्य है कि १०० प्रतिशत वेक्सिनेशन हो। 

टीकाकरण कार्ड जमा करने के आदेश 

आदिवासी विकास विभाग द्वारा जारी आदेश में ये भी कहा गया है कि कर्मचारियों द्वारा टीकाकरण कराने के बाद उसकी पाउती कार्यालय में जमा करना होगा। इसमें आदिवासी विकास विभाग के अंतर्गत संचालित कार्यालय आश्रम और आदिवासी छात्रावासों में काम करने वाले अधिकारी कर्मचारियों को टीकाकरण करने कहा गया है। 

इसके अलावा 20 मई को भी एक आदेश जारी किया गया है जिसमे कहा है गया है कि जिले के सभी आश्रम और हॉस्टल के वार्डन ,कर्मचारी और उनके परिजन कोभी टीकाकरण कराना अनिवार्य है।  

अधिकारी कर्मचारियों में नाराजगी 

विभाग के द्वारा टीकाकरण नहीं कराने वाले अधिकसरी कर्मचारियों के वेतन रोकने सम्बन्धी आदेश के बाद अधिकारी और कर्मचारियों में नाराजगी है और विभाग पर जबरदस्ती आदेश का पालन कराने का आरोप लगाया है। 

विभाग के कर्मचारियों का कहना है कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सुचना के अधिकार के तहत दी गयी जानकारी में स्पष्ट कर दिया गया है कि कोरोना वैक्सीन लेना पूरी तरह स्वैक्षिक है। इसे कोई जबरदस्ती करके किसी को नहीं लगवा सकता है। 

यदि कोई वैक्सीन नहीं भी लगवाता है तो उसकी सेवाएं जारी रहेगी और उसे नौकरी से नहीं निकाला जा सकता है। 

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