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कोरोना से मृत व्यक्तियों के शव को शमशानघाट पहुँचाने के लिए लगायी गयी शिक्षकों की ड्यूटी - आदेश जारी

कोविड केयर सेंटर में शिक्षकों की ड्यूटी 


राजनांदगाव : छग राज्य में कोरोना बेकाबू होते जा रहा है ,यहाँ अब प्रतिदिन 15 हजार से ऊपर संक्रमित मिलने लगे है।  कोरोना का संक्रमण अब गाँव तक पहुँचने लगा है जो बहुत ज्यादा चिंता का विषय है। 

कोरोना के दूसरी लहर में मरने वालों की संख्या बहुत अधिक हो गयी है। राज्य की बात करें तो प्रतिदिन 100 से अधिक लोग कोरोना महामारी  जान गँवा रहे है। शमशान घाट में शवों  जलाने के लिए परिजनों को घंटों इन्तजार करना पड़ रहा है। 



छग में कुल कोरोना संक्रमितों  संख्या 5 लाख से भी ऊपर चला गया है। जिसमे एक लाख से अधिक एक्टिव केस है। वहीँ कोरोना से मरने  संख्या पांच हजार से अधिक हो गयी है। ये आंकडे बहुत अधिक डराने वाली है। 

शवों क शमशान घाट ले जाने के लिए शिक्षकों की ड्यूटी 


शिक्षकों की ड्यूटी सभी प्रकार के कार्यों में लगाया जाता है और अधिकारी आदेश भी तुरंत जारी करते है। चाहे वह कोरोना संक्रमितों की पहचान के लिए हो ,कांट्रैक्ट ट्रेसिंग में हो ,रेलवे स्टेशन से मजदूरों को लाने में हो और भी सभी प्रकार के कार्यों में शिक्षकों की ड्यूटी लगायी जा रही है। 

शिक्षक अपनी ड्यूटी पूरी ईमानदारी से कर रहे है लेकिन सरकार और प्रशासन को शिक्षकों की जान की कोई परवाह नहीं है। ड्यूटी लगाने के साथ शिक्षकों  प्रकार की सुरक्षा सुविधा उपलब्ध नहीं कराया जाता है ,जिससे कई शिक्षक संक्रमित हो रहे है और उन्हें जान भी गंवाना पड़ रहा है। 

अनुविभागीय दंडाधिकारी डोंगरगढ़ जिला राजनांदगाव द्वारा एक आदेश जारी किया गया है जिसमे शिक्षकों की ड्यूटी कोरोना से मृत व्यक्तियों की शवों को सम्बंधित ग्राम पंचायत के शमशान घाट पहुँचाने हेतु कंट्रोल रूम में लगायी गयी है। 

इस आदेश के अनुसार शिक्षक कोरोना से मृत व्यक्तियों की शवों को एम्बुलेंस चालक से सामंजस्य स्थापित करते हुए सम्बंधित ग्राम पंचायत के शमशान  भेजने का कार्य करेंगे। 

शिक्षकों की ड्यूटी दो पालियों में लगायी गयी है। पहली पाली सुबह 8 बजे से दोपहर 2 बजे तक और दूसरी पाली दोपहर 2 बजे से शाम 8 बजे तक होगी। इस प्रकार का आदेश अन्य जिलों में भी जारी हो सकता है। आदेश को  दिए लिंक से डाउनलोड कर। 


50 लाख बीमा की मांग 

शिक्षक संघ पहले ही शासन और प्रशासन से इस मामले में ज्ञापन दे चुके है और मांग कर चुके है कि शिक्षकों की ड्यूटी जब कोरोना संक्रमितों की देखरेख और अन्य कार्यों में लगायी जा रही है तो उनके जान को भी ख़तरा है अतः  कोरोना वारियर्स मानते हुए उनके लिए 50 लाख की बीमा कराई जाये। 

शिक्षकों की  पर शासन और प्रशासन सहित सरकार का कोई जवाब नहीं आया है ,और न ही किसी प्रकार की प्रतिक्रया आयी है। केवल शिक्षकों की ड्यूटी इस प्रकार के कार्यों में लगायी जा  रही है जिससे शिक्षकों में नाराजगी है। 

सरकार को शिक्षकों की परवाह करते हुए उन्हें भी फ्रंट लाइन कोरोना वारियर्स मानकर 50 लाख की बीमा करनी चाहिए। जिससे यदि कोई शिक्षक कोरोना ड्यूटी के दौरान संक्रमित होते है और दुर्भाग्य से जान गँवा देते है तो उनके परिवार वालों को आर्थिक मदद मिल सकेगी। 

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