रायपुर : कोरोना वायरस महामारी के कारण सत्र 2020-21 में अभी तक स्कूल और कालेज नहीं खुल पाए है ,और अभी स्कूल कब खुलेंगे इसमें अनिश्चितता बनी हुई है।
स्कूल शिक्षा मंत्री श्री साय ने कोरोना काल में स्कूल खोलने को रिस्की बताते हुए आगामी आदेश तह स्कूल और कालेज बंद रखने की बात कही है।
आपको बता दें कि कोरोना संक्रमण के कारण मार्च 2020 से सभी स्कूल और कालेज बंद है। कोरोना संक्रमण रोकने के लिए महीनों तक लॉक डाउन रहा और धीरे धीरे अनलॉक किया गया है ,लेकिन अभी भी बहुत से कार्य पूरी तरह शुरू नहीं हो सके है।
स्कूल की बात करें तो कुछ राज्यों ने क्लास लगाने के आदेश जारी किये और स्कूल खोले भी गए लेकिन कोरोना के कारण पुनः स्कूल बंद करना पड़ा। छग में भी इसी स्थितियों को देखते हुए स्कूल नहीं खोला गया है।
स्कूल खोलने को लेकर अभी केंद्र सरकार ने भी कोई हरी झंडी नहीं दी है इसी कारण राज्य सरकार भी कोई रिस्क नहीं लेना चाहती है और विभागीय मंत्रियों ने भी इस प्रकार का स्टेटमेंट दिया है कि -स्कूल खोलना अभी रिस्की है।
कई जिलों में खोले गए स्कूल
कोरोना संक्रमण के बीच स्कूल खोलना खतरे से खाली नहीं है ,इसीलिए सरकारें भी इसका आदेश जारी नहीं कर रहे है। लेकिन फिर भी छग के कुछ जिलों में स्कूल सञ्चालन किया जा रहा है।जिसमे राजधानी रायपुर ,जशपुर ,चारामा ,बिलासपुर और अंबिकापुर शामिल है।
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जहाँ जहाँ स्कूल सञ्चालन हो रहा है वहां किसके आदेश से स्कूल लग रहे है ? क्या शासन से ऊपर भी किसी का आदेश चलता है। यदि कोरोना का संक्रमण बच्चों में हुआ तो इसका जिम्मेदार कौन होगा ? इस सवाल का जवाब किसी के पास नहीं है।
कुछ जिलों में तो जिला शिक्षा अधिकारीयों ने ही स्कूल खोलने के आदेश जारी कर दिए थे ,लऔर उस आदेश में साफ लिख दिया गया गया था कि -स्वास्थ्य मंत्रालय के आदेशों का पालन करें और साथ ही यदि बच्चों में कोरोना का संक्रमण होता है तो इसकी सारी जिम्मेदारी शिक्षकों की होगी।
गली मोहल्ले में लग रहे है क्लास
जैसे कि आप सभी जानते है कोरोना के संक्रमण के कारण स्कूल बच्चों के लिए पूरी तरह से बंद है ,ऐसे में बच्चों को शिक्षा से जोड़े रखने के लिए सरकार और शिक्षकों ने कई नवाचार किये है जिसके माध्यम से अपने अपने स्तर में शिक्षक बच्चों को पढ़ा रहे है।
पढ़ाई के वैकल्पिक व्यवस्था के तहत शासन ने पढ़ाई तुंहर दुआर योजना की शुरुआत की है जिसमे बच्चों को ऑनलाइन और विभिन्न ऑफलाइन माध्यम से पढ़ाई कराइ जा रही है।
पढ़ाई तुंहर दुआर को पुरे देश में सराहा गया है और इसके लिए छग को अवार्ड भी मिले है। जहा नेटवर्क की समस्या है जिसमे बच्चे ऑनलाइन पढ़ाई नहीं कर पा रहे है वहां मोहल्ला क्लास ,बुल्टू के बोल ,लाउडस्पीकर क्लास आदि कई नवाचार के माध्यम से बच्चों को शिक्षा दिया जा रहा है।
मोहल्ला क्लास है स्वैच्छिक
शासन की और से पढ़ाई वैकल्पिक व्यवस्था किया गया है जिसके लिए आदेश भी जारी किये गए है ,इसमें शिक्षकों ने सहभागिता निभाते हुए मोहल्ला क्लास ले रहे है।
शासन के आदेश में ये साफ किया गया है कि मोहल्ला क्लास स्वैच्छिक है को किसी प्रकार का दबाव न डाला जाय। लेकिन इसके बाद भी अधिकारीयों ने इसे अनिवार्य करते हुए आदेश जारी किये है। और कुछ जगहों में तो वेतन रोकने की बात भी सामने आया है।
छग में स्कूल कब खुलेंगे इसके बारे में अभी शासन स्तर से किसी प्रकार का कोई आदेश नहीं दिए गए है और न ही कोई संकेत दिए गए है। सिर्फ इतना कहा गया है कि आगामी आदेश तक स्कूल बंद रहेंगे। अब देखना ये है कि स्कूल कब खुलेंगे और बच्चों की पढ़ाई पटरी में आएगी।
वैसे ये अनुमान लगाया कि कोरोना वेक्सीन शुरू होने के बाद स्थिति को देखते हुए धीरे धीरे स्कूल खोले जा सकते है। इसमें भी पहले उच्च कक्षाओं को ही पहले खोलने की जानकारी मिल रही है।
फरवरी माह में यदि कोरोना की रफ़्तार थम जाती है तो स्कूल खोलने के लिए सोचा जा सकता है। लेकिन इसके लिए भी कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है ये केवल एक अनुमान है।
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12 Comments
आपको मै बता दू की मै छत्तीसगढ़ में सूरजपुर जिले के सलका का निवासी हूं जहां सायद ही किसी इलाके में पढ़ाई होता होगा। हमलोग के क्षेत्र में लॉकडाउन के बाद आज तक कोई पढ़ाई का नाम नई लिया है।
ReplyDeleteमै सरकार से ये अनुरोध करना चाहूंगा कि वो जल्द से जल्द स्कूल खोलने का प्रयास करे क्युकी स्कूल नई खुलेगा तो हम परीक्षा नई दे पाएंगे और परीक्षा नई देंगे तो हमलोग का इस साल बर्बाद हो जाएगा
अभी स्कूल कब खुलेगा इसके बारे में तो कोई निर्देश जरी नहीं हुआ है ,,दूसरी बात पढाई की है तो शिक्षक अपने स्तर में ऑनलाइन या ऑफलाइन क्लास के माध्यम से बच्चों को पढ़ा रहे है ,,यदि आपके जिले में पढाई नहीं हो रहा है तो आप अपने शिक्षकों से संपर्क करें ,,,,परीक्षा की बात है तो परीक्षा जरुर होगी ,,इसके लिए बहुत जल्द गाइडलाइन जारी होगी .
Deleteजान है तो जहान है, जीवन बचेगा तब ही तो आगे बढ़ेगा, घर बैठ कर पढ़ाई कर सकते हैं नहीं तो ओपन एग्जाम का कन्सेप्ट क्यों दिया जाता। सरकार को भी छात्रों की चिंता है, सही समय पर परीक्षा संचालित की जाऐ। किसी भी बच्चे की बलि न चढे
ReplyDeleteबिलकुल सही -- जान है तो जहान है . जब सब कुछ सामान्य हो जाये तभी स्कूल खुलना चाहिए .
Deleteसरकार के उपर निर्भर करता है स्कूल खोलना है कि नहीं।
ReplyDeleteजी बिलकुल स्कूल खोलने का निर्णय सरकार ही लेगी .
Deleteकेन्द्र सरकार के आदेश के बाद ही स्कूल स्कूल खोलना बेहतर होगा।
ReplyDeleteआपका विचार सही है सर -- केंन्द्र सरकार पुरे देश की स्थिति को देखकर ही स्कूल खोलने के सम्बन्ध में दिशा निर्देश जारी करेगी .
Deleteमोहल्ला क्लास तो लगा रहे हैं यह तो मोहल्ला क्लास स्कूल जैसे लग रहा है तो क्या मतलब मोहल्ला लगाने से
ReplyDeleteमतलब जो भी सर - अभी जब तक स्कूल में क्लास लगाने के निर्देश जारी नहीं होता है तब तक ऐसे ही चलती रहेगी .
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ReplyDeleteरायगढ़ जिले के विकासखंड पुसौर में दबाव डालकर जबरजस्ती स्कूल खोलवाया जा रहा है ये कहा तक उचित है।
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