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मोहल्ला क्लास के 22 स्कूली बच्चे मिले कोरोना संक्रमित - गली मोहल्ले में क्लास लगाना -सुरक्षित नहीं

मोहल्ला क्लास के 22 बच्चे हुए कोरोना संक्रमित 

कोरोना संक्रमण के कारण स्कूल लगभग पिछले एक वर्ष से बंद है और इस शिक्षा सत्र में स्कूल खुलने की कोई संभावना नहीं दिखती है। शासन ने कोरोना संक्रमण के इस दौर में स्कूली बच्चों के लिए मोहल्ला क्लास लागु किया है। 

मोहल्ला क्लास में बच्चे गाँव के किसी गली मोहल्ले में ,किसी के घर के बरामदे में ,पंचायत भवन में या कहीं खाली जगहों में बैठकर पढ़ते है। लेकिन क्या ये बच्चों के लिए सही है ? इसके बारे में विचार करने की जरूरत है। 

शिक्षक अपनी जिम्मेदारी भली भांति निभा रहे है ,क्योंकि ये शासन का आदेश है। अब शासन को इस बारे में सोचने की जरूरत है क्या मोहल्ला क्लास बच्चों और शिक्षकों के लिए सुरक्षित है ? 


छग के कोंडागांव जिले में एक साथ 22 स्कूली बच्चों का कोरोना पॉजिटिव आना बहुत बड़ी चिंता का विषय है  ? आखिर इसके लिए जीम्मेदार कौन है ? यदि ये बच्चे मोहल्ला क्लास में नहीं आते तो हो सकता है इनको कोरोना जैसे खरनाक बीमारी का संक्रमण नहीं होता ? इस प्रकार सवाल बहुत है लेकिन इसका जवाब कौन देगा ? 

साथियों हम यहाँ किसी का विरोध नहीं कर रहे है और न ही बच्चों की पढाई बंद हो ऐसी मानसिकता है। लेकिन आपको भी यहाँ जरूर सोचना चाहिए कि - क्या बच्चों को गली मोहल्ले में ,किसी के घर में।, नदी के किनारे में ,किसी पेड़ के नीचे बैठाकरपढ़ाना उचित है ? जबकि अभी कोरोना पूरी तरह खत्म नहीं  हुई है। 

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यदि बच्चे को किसी गली मोहल्ले में ,किसी पंचायत भवन में स्कूल के ग्राउंड में बैठकर क्लास लगाया जा सकता है तो उन्हें काम संख्या में बुलाकर स्कूल में नहीं बैठाया जा सकता है क्या ? 

यदि क्लास लगाना ही है तो स्कूल ज्यादा सुरक्षित है ,न कि गली मोहल्ला। अब इस घटना को ही ले लीजिये जिसमे कोंडागांव जिले में 22 बच्चे एक साथ कोरोना संक्रमित पाए गए है ,और ये सभी मोहल्ला क्लास में पढ़ने आते थे। 

इन बच्चों के अलावा और भी न जाने कितने लोग संक्रमित हो सकते है। इस घटना से पुरे इलाके में सनसनी फैली हुई है। लोगों में डर का माहौल है ,कि अन्य बच्चों को भी कहीं संक्रमण न हो जाये। 

परिवार के सदस्य भी कोरोना संक्रमित 

डॉ टी आर कुंवर (सीएचएमओ) ने बताया कि बच्चों के परिवार के साथ ही उनके परिवार के कुछ लोग भी कोरोना पॉजिटिव पाए गए है ,जिन्हे स्थानीय स्तर पर ही आइसोलेशन किया गया है। 

स्थिति को देखते हुए कहा जा सकता है कि गाँव में और भी कई का कोरोना संक्रमित हो सकते है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा गाँव के सभी लोगों की कोरोना टेस्ट करने की तयारी की जा रही है। 

कोरोना अभी खत्म नहीं हुआ है 

डॉ सुभाष पांडेय कहते है कि - लम्बे समय के बाद एक ही जगह से बड़ी संख्या में कोरोना मरीजों का मिलना इस बात की ओर संकेत करता है कोरोना खत्म नहीं हुआ है। हमें उसके लक्षणों को हल्के में नहीं लेना चाहिए। हमें सावधानी रखने की जरूरत है। नियमित हाथ धोएं और मास्क का उपयोग करें। 

डॉ सुभाष पांडेय -प्रवक्ता एवं संभागीय संयुक्त संचालक ,स्वास्थ्य विभाग 

कोरोना संक्रमित मिले सभी बच्चे कोंडागांव जिले के राजपुर ब्लॉक के है। ये सभी बच्चे माध्यमिक शाला में पढ़ते है और एक साथ मोहल्ला क्लास में आते है। ये सभी बच्चे 11 से 14 वर्ष के उम्र के है।

ऐसे पता चला -कोरोना पॉजिटिव 

शुक्रवार को एक छात्र की तबियत अचानक ख़राब हो गयी जिससे उनको हॉस्पिटल ले जाया गया ,वहा छात्र की एंटीजन कोरोना टेस्ट किया गया जिसमे रिजल्ट पॉजिटिव आया। इसकी सुचना संबंधित शिक्षक को दी गयी। 

शिक्षक ने सुचना मिलने पर मोहल्ला क्लास के सभी बच्चों को हॉस्पिटल ले गए जहा उनका भी कोरोना टेस्ट किया गया ,जिसमे एक के बाद एक 22 बच्चे कोरोना संक्रमित पाए गए। 

छात्रावास को बनाया गया कोरेन्टीन सेंटर 

उक्त घटना की सुचना उच्च अधिकारीयों को दी गयी जिससे शनिवार को एसडीएम और तहसीलदार सहित अन्य अधिकारी बड़ेराजपुर पहुंचे और बच्चों को कोविड अस्पताल में ले जाने की तैयारी कर ही रहे थे ,इतने में गाँव के लोगों ने इसका विरोध करना शुरू कर दिए। 

अधिकारीयों ने स्थिति को देखते हुए स्थानीय छात्रावास को आइसोलेशन सेंटर बनाते हुए वहीँ बच्चों को सिफ्ट  किया गया।  

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