भारत के 11 राज्यों में बर्ड फ्लू का दस्तक - एलर्ट जारी
कोरोना वायरस महामारी के बीच अब बर्ड फ्लू (Bird Flu) ने भारत में दस्तक दे दी है और इसका संकट भी गहराता जा रहा है। देश के कई राज्यों में बर्ड फ्लू से हजारों पक्षियों के मरने की पुष्टि हो चुकी है।
भारत के कई राज्यों में अलर्ट जारी किया गया है और पोल्ट्री फार्म के उत्पाद नहीं खाने की सलाह दी गयी है। क्योंकि ये बीमारी इंसानों तक भी पहुँच सकती है और जानलेवा भी हो सकती है।
छग के बालोद जिले में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई है। यहां पक्षियों के सैम्पल की जांच रिपोर्ट में पहला पॉजिटिव केस आया है। इस प्रकार देश में छग 11 वीं राज्य हो गया है जहां बर्ड फ्लू की एंट्री हुई है।
बर्ड फ्लू की पुष्टि होने के बाद केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने मंगलवार को सभी राज्य के मुख्य सचिवों और मुख्य वन्यजीव वार्डनों को चिठ्ठी लिखकर उनसे एवीएन इन्फुएन्जा (H5N1) के लिए राज्य स्तरीय निगरानी समितियों का गठन करने को कहा गया है।
राज्यों को सलाह दी गयी है कि पशुपालन विभाग द्वारा सैंपलिंग टेक्निक पर आयोजित ट्रेनिंग में भाग लेने के लिए कर्मचारियों और अधिकारीयों की प्रतिनियुक्ति की जाय। इसके साथ ही प्रवासी पक्षियों की सभी मौतें ,उनकी संख्या और कारण पर्यावरण मंत्रालय को बताया जाय।
मंत्रालय ने कहा है कि भेजे गए सैंपल और टेस्टिंग रिपोर्ट्स के कलेक्शन ,डिस्पैच के लिए स्थानीय पशु चिकित्सा विभाग से संपर्क किया जाना चाहिए।
पर्यावरण मंत्रालय ने राज्यों को दिए ये निर्देश
जैसे कि आपको बताया गया कि केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने सभी राज्यों को पत्र जारी किया है।जिसके कुछ बिंदु ऊपर बताये गए है। चलिए आपको बताते है पर्यावरण मंत्रालय ने राज्यों को और क्या क्या निर्देश जारी किये है।
➤ पर्यावरण मंत्रालय की चिठ्ठी में आगे लिखा गया है कि -किसी भी पक्षी के अनुचित व्यवहार या जंगली पक्षियों के साथ -साथ प्रवासी पक्षियों की मौत की गहन निगरानी की जनि चाहिए एवं चिड़ियाघर में भी विशेष सतर्कता बरती जाय।
➤ सभी राज्यों को महत्वपूर्ण पक्षी स्थलों की जानकारी के साथ साथ वीकली रिपोर्ट मंत्रालय को भेजने के लिए कहा गया है।
➤ रिपोर्ट में संख्या और प्रजातियों ,आने और रहने की अवधि ,पिछले वर्षों की तुलना में प्रवासी गतिविधियों में कोई परिवर्तन इत्यादि का उल्लेख करें।
➤ पत्र में आगे कहा गया है कि हिमाचल प्रदेश सहित कई राज्यों में प्रवासी पक्षियों सहित बड़ी संख्या में पक्षियों की मौत की ख़बरें आई है जिसमे H 5 N 1 एविएशन इन्फ्लुएंजा वायरस (Bird Flu) पॉजिटिव पाए गए है।
➤ केंद्र शाषित प्रदेश और राज्य इस बीमारी के प्रसार को रोकने के लिए हर संभव कदम उठायें और कोई भी संकेत मिलते ही पक्षियों की निगरानी करें।
➤ चिड़ियों की निगरानी के समय जिन लक्षणों को देखना है वे इस प्रकार है - कंपकपी ,दस्त , सिर झुकाना ,पैरालिसिस इत्यादि।
इन राज्यों में हुई बर्ड फ्लू की पुष्टि
भारत के कई राज्यों में पक्षियों के मरने से हड़कंप मचा हुआ है ,इस बीच मरने वाले पक्षियों में बर्ड फ्लू की पुष्टि हो गयी है। अभी तक भारत के 11 राज्यों में बर्ड फ्लू की पुष्टि हो चुकी है।
जिन राज्यों में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई है वे इस प्रकार है -दिल्ली ,महाराष्ट्र ,उत्तराखंड ,उत्तर प्रदेश,केरल ,राजस्थान ,मध्यप्रदेश ,हिमाचल प्रदेश ,हरियाणा ,गुजरात और छत्तीसगढ़।
हिमाचल प्रदेश में इस मौसम में प्रवासी पक्षी बहुत अधिक संख्या में आते है जिसमे कांगड़ा और आसपास के इलाके शामिल है। सोमवार को यहाँ लगभग 2300 पक्षियों की मौत बर्ड फ्लू के कारण हो गयी है।
यहाँ के राज्य सरकार ने पक्षियों की इस मौत के बाद कई इलाकों के पक्षियों को मारने भी दे दिये है।
केरल में 12000 से अधिक बतखों की मौत
केरल में पिछले दो तीन दिनों में 12000 से भी अधिक बत्तख केवल दो जिलों - कोट्ट्यम और अलप्पुझा में मर चुकी है। आपको बता दें कि केरल में हर साल बर्ड फ्लू के कारण हजारों पक्षी मर जाते है।
इसी प्रकार राजस्थान में 500 से ज्यादा पक्षी मारे जा चुके है। और मध्यप्रदेश में भी सरकार ने अलर्ट जारी कर दिया है। सरकारों का कहना है कि बर्ड फ्लू से H 5 N 8 और कई तरह के वायरस का ख़तरा है।
क्या है बर्ड फ्लू ? What Is Bird Flu ?
बर्ड फ्लू को एविएशन इन्फ्लुएंजा भी कहते है। यह एक तरह का वायरस इंफेक्शन है जो पक्षियों से मनुष्यों को भी हो सकता है ,जो जानलेवा भी हो सकता है।
इस वायरस का सामान्य रूप H 5 N 1 एविएशन एन्फ्लूएंजा कहलाता है। यह बहुत संक्रामक है ,यदि इसका समय पर इलाज न किया जाये तो यह जानलेवा भी हो सकता है।
वर्ड हेल्थ आर्गेनाइजेशन (WHO) के अनुसार एविएशन एन्फ्लूएंजा के मामले सन 1997 में देखे गए थे। जिससे संक्रमित होने वाले लगभग 60 प्रतिशत लोगों की मौत हो गयी थी।
बर्ड फ्लू के लक्षण
बर्ड फ्लू लक्षण -सामान्य फ्लू जैसे ही होती है। सांस लेने में समस्या और हर वक्त उलटी होने का अहसास इसके ख़ास लक्षण है।
इसके अन्य लक्षण ये भी है -
➤ हमेशा कफ रहना
➤ नाक बहना
➤ सिर में दर्द रहना
➤ गले में सूजन
➤ मांसपेशियों में दर्द
➤ दस्त होना
➤ हर वक्त उलटी लगने सा महसूस होना
➤ पेट के निचले हिस्से में दर्द रहना
➤ साँस लेने में समस्या ,साँस न आना ,निमोनिया
➤ आँख में कंजेक्टिवाइटिस
क्या मनुष्यों तक पंहुच सकता है -बर्ड फ्लू
एविएशन एन्फ्लूएंजा वायरस (H5 N1) को बर्ड फ्लू का सबसे बड़ा कारण माना जाता है। ये वायरस पक्षियों के साथ साथ इंसानों के लिए भी खतरनाक होता है।
ये वायरस मनुष्यों में भी पहुंच सकती है। इस वायरस के चपेट में आने से इंसानों में इसके सामन्य लक्षण दीखते है। इसमें सर्दी ,जुकाम ,साँस लेने में दिक्क्त और बार बार उल्टी आने जैसी समस्या होती है।
कहाँ फैलते है इसके वायरस
बर्ड फ्लू के वायरस वहीँ जहां पक्षियों की संख्या बहुत अधिक होती है। इसके संपर्क में जो भी आता है उसमे सांस के जरिए वायरस शरीर में प्रवेश कर जाता है और वह संक्रमित हो जाते है।
बर्ड फ्लू से कैसे बचें
जैसे कि आपको बताया गया कि बरस फ्लू वायरस के जरिये फैलता है अतः इससे बचने के लिए आपको कुछ विशेष सावधानी रखने चाहिए -
➤ संक्रमित पक्षियों से दूर रहें ,खासकर मरे पक्षियों के पास बिलकुल न जाएँ।
➤ यदि बर्ड फ्लू का संक्रमण फैला है तो आपको नॉनवेज बिलकुल नहीं खाना चाहिए।
➤ नॉनवेज खरीदते समय साफ सफाई पर विशेष ध्यान दें।
➤ संक्रमण वाले इलाके में बिलकुल न जाएँ ,और अगर जाना भी पड़े लगाएं।
बर्ड फ्लू का इलाज
बर्ड फ्लू का इलाज एंटीवायरल ड्रग ओसेल्टाविमिर (टैमीफ्लू) और जानाविमिर (रेलेएंजा) से किया जाता है। इस वायरस को के लिए प्रभावित व्यक्ति को पूरी तरह आराम करनी चाहिए। हेल्दी डाइट ले जिसमे अधिक से अधिक लिक्विड हो।
बर्ड फ्लू (Bird Flu )से संक्रमित व्यक्ति से वायरस किसी अन्य व्यक्ति में न जाये इसके लिए संक्रमित व्यक्ति को एकांत में रहना चाहिए।
आज के लेख में बर्ड फ्लू के बारे में बताया गया है ,जिसमे बरस फ्लू क्या है ? कैसे फैलता है ? इसके लक्षण है ? बर्ड फ्लू बचें ? की पूरी जानकारी दिया गया है। इसे अधिक अधिक लोगों में शेयर करें और लोगों जागरूक करें।
3 Comments
बर्ड फ्लू से बचने का एक ही उपाय है वह है सदभक्ति जो आज के समय में केवल संत रामपाल जी महराज के पास है। अधिक जानकारी के लिए देखिए साधना टीवी पर रोजाना 7:30 से 8:30 बजे तक मंगल प्रवचन। 🙏🙏
ReplyDeleteSadbhakti jaruri hai LEELA JI
Deleteधन्यवाद सर
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