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क्रमोन्नति वेतनमान की वसूली पर रोक इस जिले में मिल रहा था क्रमोन्नति वेतन ,,,,,,क्रमोन्नति के लिए शिक्षकों ने की मुहीम की शुरुआत

क्रमोन्नति वेतन की जानकरी 

क्रमोन्नति वेतन की मांग शिक्षकों दवरा कई वर्षों से की जा रही है ,लेकिन सरकार की ओर से कोई स्पष्ट आदेश जारी नहीं किया जा रहा है। ऐसे में शिक्षकों ने हाई कोर्ट में याचिका लगाकर सम्बंधित अधिकारीयों के माध्यम से क्रमोन्नति वेतन जारी करवा लिए है।


क्रमोन्नति वेतन की पात्रता शिक्षा विभाग में 10 वर्ष की सेवा एक ही पद में कार्य करने से प्राप्त होती है। पहले 10 वर्ष में प्रथम क्रमोन्नति ,20 वर्ष में दूसरा क्रमोन्नति और 30 वर्ष में तीसरा क्रमोन्नति वेतन विभाग द्वारा शिक्षकों को दिया जाता है। 

क्रमोन्नति वेतन वापस लेने  पर रोक 

हाई कोर्ट ने जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा क्रमोन्नति वापस लेने के आदेश पर रोक लगा दिया है। आपको बता दें कि हाई कोर्ट में लगभग 58 शिक्षकों ने अधिवक्ता अजय श्रीवास्तव के माध्यम से एक याचिका दायर किये थे जिसमे क्रमोन्नति वेतन पर रोक लगाए जाने सम्बन्धी जानकरी दी गयी थी। 

मामला जिला -गरियाबंद की है , जिले के विभिन स्कूलों में पदस्थ सहायक शिक्षकों  को सम्बंधित अधिकारीयों के द्वारा क्रमोन्नति वेतन जारी किया गया था ,लेकिन कुछ समय बाद क्रमोन्नति वेतन पर रोक लगा दिया गया। 

जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा क्रमोन्नति वेतन पर रोक लगाने पर सम्बंधित शिक्षकों ने हाईकोर्ट में याचिका लगाया ,जिसमे कोर्ट ने फैसला सुनते हुए कहा कि शिक्षकों के क्रमोन्नति वेतन के सम्बन्ध में बिना किसी सुनवाई के रोक लगाना उचित नहीं है। 

क्रमोन्नति वेतन पर अधिकारीयों का तर्क देखिये 

जैसे कि आपको बताया गया क्रमोन्नति वेतन की पात्रता एक ही पद में 10 वर्ष की सेवा पर है। उदाहरण के लिए यदि कोई सहायक शिक्षक या शिक्षक एक ही पद में 10 वर्ष की सेवा पूर्ण कर लिया और इस दौरान उसे किसी प्रकार की पदोन्नति नहीं मिली तो उसे क्रमोन्नति की पात्रता होगी। 

शिक्षकर्मियों के सम्बन्ध में अधिकारीयों का तर्क है कि वे शिक्षा विबाहग के नियमित कर्मचारी नहीं है इसलिए उन्हें क्रमोन्नति वेतन नहीं दिया जा सकता। जो क्रमोन्नति का आदेश है वह शिक्षा विबाहग के नियमित शिक्षक के लिए है। 

संविलियन के बाद क्रमोन्नति क्यों नहीं 

संविलियन प्राप्त करने के बाद शिक्षा कर्मी नियमित शिक्षक बन गए है और उन्हें एल बी संवर्ग में रखा गया है। तो क्या अब उन्हें क्रमोन्नति वेतन मिलेगा ,तो इसका जवाब है हाँ क्रमोन्नति वेतन मिलेगा लेकिन 10 वर्ष की सेवा पूर्ण करने के बाद। 

अधिकारीयों का और शासन का कहना है कि शिक्षककर्मियों के संविलियन होने के बाद ही वे शिक्षाविभाग के नियमित कर्मचारी है ,अतः उन्हें संविलियन के बाद 10 वर्ष पूरा करना होगा तभी क्रमोन्नति का लाभ मिलेगा।  

इसीलिए संविलियन के बाद भी शिक्षकों को क्रमोन्नति वेतन नहीं दिया जा रहा है। कुछ जगहों पर क्रमोन्नति वेतन कोर्ट के निर्देश पर जारी किया गया है ,जिसमे अधिकारीयों द्वारा ही नियम का हवाला देकर रोक लगा दिया जाता है। 

क्रमोन्नति के लिए शिक्षकों की मुहीम शुरू 

क्रमोन्नति वेतन के लिए शिक्षकों ने अब मुहीम की शुरुआत की है। जिस प्रकार संविलियन के लिए काफी लम्बी लड़ाई के बाद उन्हें संविलियन प्राप्त हुआ है ,अब उसी प्रकार क्रमोन्नति के लिए भी ऐसे ही आंदोलन की तयारी की तैयारी की जा रही है। 

इस क्रम में शिक्षकों ने अगस्त क्रांति की शुरुआत कर दी है। इसे चरण बद्ध तरीके से अंजाम तक ले जाने की योजना बनाई गयी है। इस क्रम को ब्लाक स्तर ,जिला स्तर ,संभाग स्तर और राज्य स्तर के क्रम में रखा गया है। 

पूर्व सेवा की गणना की जाये 

शिक्षकों का कहना है कि वे 1998 से एक ही पद में सेवा दे रहे है ,भले है उनका संविलियन 2018 में हुई है ,लेकिन उन्होंने अपना 20-22 वर्ष शिक्षा विभाग को दिया है ,ऐसे में पदोन्नति और क्रमोन्नति के लिए उनकी पूर्व सेवा की गणना की जाये। 

निश्चित ही शिक्षकों की ये मांग  उचित लगता है क्योंकि ऐसे बहुत से शिक्षक है जो रिटायरमेंट की और है या कुछ रिटायर भी हो गए है। यदि क्रमोन्नति वेतन का लाभ इन शिक्षकों को मिल जाये तो कुछ आर्थिक लाभ हो सकता है। 

आज के इस लेख में शिक्षकों के क्रमोन्नति वेतन के सम्बन्ध में जानकारी साझा किया गया है ,जिसमे गरियाबंद जिले में क्रमोन्नति पर रोक की जानकरी बताया गया है ,साथ ही शिक्षकों को मिलने वाले क्रमोन्नति की चर्चा की गयी है।

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