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वेतन वृद्धि,महंगाई भत्ता ,पदोन्नति पर रोक -कर्मचारियों को भारी आर्थिक नुकसान - जान जोखिम में डालकर ड्यूटी कर रहे शिक्षक -लेकिन सरकार का ये निर्णय उचित नहीं

वेतन वृद्धि ,पदोन्नति और महंगाई भत्ता पर रोक 


रायपुर:10.05.2021 - छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रदेश के कर्मचारियों को तगड़ा झटका दिया है। महंगाई भत्ता ,वेतन वृद्धि और पदोन्नति जो कर्मचारियों के लिए काफी महत्वपूर्ण होता है। इसमें राज्य सरकार ने रोक लगा दिया है जिससे प्रदेश भर के कर्मचारी आक्रोशित है। 


कोरोना काल में जब सभी कर्मचारी अपने जान को जोखिम में डालकर ड्यूटी कर रहे है ऐसे में उनका भत्ता और वेतन वृद्धि को रोकना कर्मचारियों के साथ अन्याय है। इस परिस्थिति में कर्मचारियों को प्रत्साहित करने के बजाय हतोत्साहित किया जा रहा है। 

वार्षिक वेतन वृद्धि (इंक्रीमेंट) में रोक 

राज्य सरकार ने शासकीय सेवकों के वेतन में मिलने वाले  वार्षिक वेतन वृद्धि पर रोक लगाए दिया है। यह वेतन वृद्धि कर्मचारियों को साल में एक बार मिलता है। 

अभी जो सरकार की ओर से आदेश जारी हुआ है उसमे कहा गया है कि वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए जो शासकीय व्यय में मितव्ययिता एवं वित्तीय अनुशासन के अंतर्गत जो भी आदेश जारी किये गए थे वह वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए पुनः लागु होगा। 


पूर्व में जारी किये गए आदेश में राज्य के सरकारी कर्मचारियों को मिलने वाले वेतन वृद्धि और पदोन्नति पर आगामी आदेश तक रोक लगाया गया था ,जिसे इस सत्र के लिए पुनः लागु कर दिया गया है। 

वेतन वृद्धि में यह रोक उन शासकीय सेवकों के लिए लागु नहीं होगा जो 1 जुलाई  2021 और 1 जनवरी  2022  को सेवानिवृत्त हो रहे है। 

इंक्रीमेंट रुकने से कर्मचारियों को भारी  नुकसान 

दोस्तों यदि आप सरकारी कर्मचारी है तो आपको मालूम ही होगा कि वेतन वृद्धि एक कर्मचारी के लिए कितना मायने रखता है। एक इंक्रीमेंट रुकने पर कर्मचारी को अपने सर्विस काल में लाखों रूपये का नुकसान होगा। आपको यहाँ पूरा गणना करके बताया गया है। 


चलिए आपको शिक्षकों के वेतन वृद्धि के बारे में बताते है और साथ ही इसके रुक जाने पर कितना नुक्सान होगा ये भी बताते है।  

उदाहरण के तौर पर यहाँ संविलियन हो चुके शिक्षकों (एल बी संवर्ग ) की वेतन वृद्धि और इसके रुकने पर होने वाले नुकसान  के बारे में बताया गया है। 

सहायक शिक्षक की वेतन वृद्धि और नुकसान  

वर्तमान   
 मूल वेतन   
कुल वेतन   वेतन
वृद्धि पर 
मूल वेतन
वेतन वृद्धि  के बाद कुल वेतन  प्रतिमाह
नुक्सान 
12माह में नुकसान 
25300     29825 2610030721 896 10752 
26100 30742  2690031638 896   10752 
26900 31660 2770032556  896   10752 
27700 32578 2850033474 896  10752 
28500  33497 2940034505  1008  12096 
29400 34529 3030035537 1008  12096 
30300 35561 31200 36569   1008  12096
31200 36595 32100 37603   1008  12096
32100 37628 33100 38748   1120  13440
33100 38775  3410039895 1120  13440

यह डाटा 12 % महंगाई भत्ता के आधार पर बनाया गया है। 

शिक्षक की वेतन वृद्धि और नुकसान


  वर्तमान 
मूल वेतन 
  कुल     वेतन      
 वेतन वृद्धि
 पर मूल 
 वेतन
  वेतन   वृद्धि के   बाद
कुलवेतन 
 प्रतिमाह
 नुकसान 
12 माह में 
 नुकसान
35400 41393  36500  42625  1232  945
36500  42654  37600  43886  1232   974
37600 43915  38700  45147  1232  1003
38700 45177  39900  46521  1344  1033
39900 46553  41100  47897  1344  1065
41100 47929  42300  49273  1344  1097
42300 49306  43600  50762  1456  1130
43600 50796  44900  52252  1456  1164
44900 52287  46200  53743  1456  1199
46200 53779  47600  55347  1568  1235

यह डाटा 12 % महंगाई भत्ता के आधार पर बनाया गया है। 

व्याख्याता की वेतन वृद्धि और नुकसान 

 वर्तमान
मूल वेतन
कुल  वेतन    वेतन वृद्धि
पर
मूल वेतन 
 वेतन वृद्धि के बाद कुल वेतन  प्रतिमाह
नुकसान 
12 माह में
 नुकसान
 38100 44289 39200 45521 1232 14784 
 39200 45552 40400 46896 1317 15804 
 40400 46927 41600 48271 1344 16128 
 41600 48304 42800 49648 1344 16128 
 42800 49682 44100 51138 1456 17472 
 44100 51173 45400 52629 1456 17472 
 45400 52665 46800 54233 1568 18816 
 46800 54270 48200 55838 1568 18816 
 48200 55876 49600 57444 1568 18816 
 49600 57483 51000 58451 968 11616 

यह डाटा 12 % महंगाई भत्ता के आधार पर बनाया गया है। 

महंगाई भत्ता में रोक 

सरकारी कर्मचारियों को मिलने वाले महंगाई भत्ता में भी सरकार की ओर से रोक लगा दिया गया है। महंगाई भत्ता सामान्यतः साल में दो बार दिया जाता है ,लेकिन अब इसमें  आगामी आदेश तक रोक लगा दिया गया है।  

महंगाई भत्ते में रोक से कर्मचारियों को आर्थिक नुक्सान उठाना पड़ेगा जो निश्चित ही पीड़ादायक है। राज्य कर्मचारियों को  महंगाई भत्ता अभी 12 प्रतिशत मिल रहा है जो केंद्र से 10 प्रतिशत पीछे है। और अब पूरी तरह से रोक ने कर्मचारियों को काफी निराश किया है। 

पदोन्नति पर विराम 

सरकार ने एक के बाद एक झटका कर्मचारियों को दिया है। जैसे कि आपको ऊपर बताया गया है कि महंगाई भत्ता और वेतन वृद्धि में रोक लगाकर कर्मचारियों को निराश किया है। इसके साथ ही अब पदोन्नति पर भी एक प्रकार से आंशिक रोक लगाया गया है। 

पदोन्नति नहीं मिलने से कर्मचारियों को प्रतिमाह हजारों रूपये का नुकसान उठाना पड़ रहा है। और अब आगे अनिश्चित समय के लिए पदोन्नति पर रोक लगा दिया गया है। वैसे तो पदोन्नति की प्रक्रिया जारी रखने कहा गया है लेकिन इसमें आने वाले वित्तीय भार को रोकने कहा गया है। 

प्रदेश भर में विरोध शुरू 

प्रदेश के कर्मचारी अब लाम बंद हो गए है और सरकार के खिलाफ विरोध भी शुरू कर दिए है। कर्मचारियों का कहना है कि कोरोना जैसे वैश्विक बीमारी के फैलते संक्रमण के बीच अपने जान की बाजी लगाकर ड्यूटी करने वाले योद्धाओं के साथ सरकार अन्याय कर रही है। 

कर्मचारी संगठनों ने सरकार के इस फैसले की निंदा की है। उनका कहना है कि भले ही सरकार महंगाई भत्ता में रोक लगा ले लेकिन वेतन वृद्धि रोकने के फैसले को वापस ले। यदि ऐसा नहीं हुआ तो भविष्य में आंदोलन की नौबत भी आ सकती है। 

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