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कोरेन्टाइन सेंटर में शिक्षकों की ड्यूटी लगाना अनुचित | पढ़ाई तुंहर दुआर में बच्चों को दे रहे है ऑनलाइन शिक्षा



कोरेन्टाइन सेंटर में शिक्षकों की ड्यूटी  : कोरोना  वायरस (कोविड-19 )  महामारी की रोकथाम के लिए पुरे देश मे लॉक डाउन चल रही है ,जिसमे लोगों को घर से न निकलने के आदेश सरकार द्वारा जारी किया गया है। कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए लोगों को घर में रहना ही कारगार उपाय माना गया है। 
छत्तीसगढ़ राज्य में भी कोरोना के मरीज विभिन्न जगहों से मिले है जिसमे कुछ उपचार के बाद ठीक हुए है तो कुछ का इलाज अभी जारी है। पुरे राज्य में अभी लोगों को सावधान रहने की आवश्यकता है। कहीं भी भीड़ इकठ्ठा न करें और एक दूसरे से दुरी बनाये रखें।कोरोना को भगाने के लिए  सामाजिक दुरी बहुत जरुरी है।  

शासकीय स्कूलों को बनाया गया कोरेन्टाइन सेंटर 


सरकार के निर्णय के बाद प्रवासी मजदूरों और राज्य से बाहर फंसे लोगों को उनके गाँव आने की अनुमति मिली है इसके लिए स्पेशल ट्रेने भी शुरू की गयी है। जो मजदुर बाहर से आ रहे है उन्हें शासकीय स्कूलों में ठहरने की व्यवस्था की गयी है। अर्थात सरकारी स्कूलों को क्वारेंटाइन सेंटर बनाया गया है। 

प्रवासी मजदूरों को स्कूल भवन में 14 दिन तक क्वारेंटाइन रहना होगा। उसके बाद ही उन्हें अपने घर जाने की अनुमति होगी। कई ऐसे भी गॉव है जहां सैकड़ों मजदुर गॉंव से बाहर है और वे अब वापस आ रहे है जिससे स्कूलों में भीड़ बढ़ रही है। 

कोरेन्टाइन सेंटर में शिक्षकों की ड्यूटी 

शिक्षकों की ड्यूटी क्वारेंटाइन सेंटर में लगाया गया है जो उचित नहीं है इसके कई कारण है। आपको इसके बारे में जरूर जानना चाहिए। चलिए आपको बताते है शिक्षकों की ड्यूटी क्वारेंटाइन सेंटर में लगाना उचित क्यों नहीं है। 

शिक्षकों द्वारा शासन के आदेशनुसार पहले से ही ऑनलाइन शिक्षा कार्यक्रम -पढ़ाई तुंहर दुआर के अंतर्गत बच्चों को ऑनलाइन शिक्षा दिया जा रहा है जिसे घर में रहकर बच्चों को पढ़ाया जा रहा है। अब कोरेन्टाइन सेंटर में ड्यूटी लगने से  पढ़ाई तुंहर दुआर कार्यक्रम प्रभवित होगा। इससे बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई प्रभावित होगी। 

आपको बता दें कि जो क्वारेंटाइन सेंटर बनाया गया उसमे पहले से गॉंव के सरपंच ,सचिव ,रोजगार सहायक ,आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ,सहायिका ,कोटवार और स्वाथ्यकर्ता की ड्यूटी है। ऐसे में वहा शिक्षकों की ड्यूटी लगाना भीड़ को बढ़ावा देना है। 

शिक्षकों की ड्यूटी केवल रिपोर्टिंग के लिए



क्वारेंटाइन सेंटर में शिक्षकों की ड्यूटी वहा प्रतिदिन आने वाले मजदूरों की रिपोर्टिंग करने के लिए लगायी गयी है ,जिसे वहा पहले से ड्यूटी कर रहे  गॉंव के सरपंच ,सचिव ,रोजगार सहायक ,आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ,सहायिका ,कोटवार और स्वाथ्यकर्ता  भी रोज जानकारी दे रहे है। 

शिक्षकों को  क्वारेंटाइन सेंटर में  ड्यूटी करने के आदेश अधिकारीयों द्वारा जारी किया गया है जिसमे  प्रतिदिन सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक शिक्षकों को उपस्थित रहकर आने वाले मजदूरों की रिपोर्टिंग करनी है। 

कोरोना संक्रमण फैलने का खतरा 

जैसे कि ऊपर बताया गया है स्कूलों को क्वारेंटाइन सेंटर बनाया गया है जिसमे सैकड़ों प्रवासी मजदुर रुकेंगे ऐसे में दर्जन भर कर्मचारियों की ड्यूटी स्कूलों में लगाने से कोरोना संक्रमण का खतरा बना हुआ है। शासन और अधिकारीयों को इसके बारे में सोचने की आवश्यकता है। 

शिक्षकों द्वारा प्रतिपत्रक /अंकसूची बनाया जा रहा है 



शिक्षकों के द्वारा बच्चों को ऑनलाइन शिक्षा दिया जा रहा है और कोर्स को पूरा किया जा रहा है। इसके साथ ही सैकड़ों बच्चों की अंकसूची/प्रगतिपत्रक  भी शिक्षकों द्वारा अभी बनाया जा रहा है। ऐसे में शिक्षकों को दोहरे -तीहरे काम लिया जाना उचित नहीं। 

आज के आर्टिकल में कोरेन्टाइन सेंटर में शिक्षकों की ड्यूटी के सम्बन्ध में बताया गया है साथ ही बताया गया है कि यदि शिक्षकों की ड्यूटी इसमें लगाया जाता है तो उनका अन्य कार्य जैसे ऑनलाइन शिक्षा और अंकसूची बनाए जाने के काम भी प्रभवित हो सकते है। 

शिक्षक संगठनों द्वारा भी इस सम्बन्ध में अधिकारीयों को ज्ञापन दिया गया है जिसमे शिक्षकों को क्वारेंटाइन सेंटर में ड्यूटी से मुक्त रखने की बात कही गयी है। 

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