बिलासपुर (Abdsnews):- विकासखंड शिक्षा अधिकारी के पद में व्याख्याता को प्रभार दिया गया है यह आदेश संयुक्त संचालक बिलासपुर संभाग से जारी हुआ है। जिसमे व्याख्याता को विकासखंड शिक्षा अधिकारी बनाया गया है।
दरअसल विकासखंड कोटा में कुछ दिन पहले कोटा बीइओ एम् एल पटेल एक मामले में निलंबित कर दिए गए थे तब से घुटकू प्राचार्य रजनीश तिवारी को कोटा बीइओ का प्रभार दिया गया था।
आदेश में संसोधन करते हुए चांटीडीह उच्च माध्यमिक शाला के व्याख्याता पद पर पदस्थ संजीव कुमार शुक्ला को कोटा विकासखंड के बीइओ का प्रभार दिया गया है।
क्या व्याख्याता को बीइओ बनाया जा सकता है ?
विकासखंड कोटा में व्याख्याता को बीइओ बनाये जाने के बाद कई प्रश्न उठने लगे है जिसमे सबसे पहला तो ये है कि क्या व्याख्याता को बीइओ बनाया जा सकता है ? यदि नहीं तो क्यों बनाया गया और यदि बनाया गया तो कौन से नियम से बनाया ?
व्याख्याता के बीइओ बनने पर प्राचार्य संघ ने विरोध जताया है क्योंकि उनका कहना है कि बीइओ बनने के लिए प्राचार्य के रूप में कम से कम पांच वर्ष का अनुभव जरुरी है। और कोटा के मांमले में पहले से प्राचार्य बीइओ के प्रभार में थे।
पहले भी बी.ई.ओ.बन चुके है- व्याख्याता
बीइओ के रूप में इससे पहले भी व्याख्याता को प्रभार दिया जा चूका है इस दृष्टिकोण से देखा जाय तो ये कोई नई बात नहीं है। और संयुक्त संचालक द्वारा कुछ नियमों के तहत ही व्याख्याता को विकासखंड शिक्षा अधिकारी बनाया गया होगा।
व्याख्याता द्वितीय श्रेणी राजपत्रित अधिकारी
व्याख्याता द्वितीय श्रेणी राजपत्रित अधिकारी होते है जिसके कारण से उन्हें प्रशासनिक पद पर प्रभार दिया जा सकता है इसमें कोई बहुत ज्यादा अनियमितता नहीं है। ऐसे कई उदाहरण है जिसमे व्याख्याता को विकासखंड शिक्षा अधिकारी बनाया जा चूका है।
अब देखने वाली बात यह है विकासखंड शिक्षा अधिकारी के पदभार में कोई परिवर्तन किया जाता है या फिर वर्तमान में पदस्थ शुक्ला जी ही बने रहेंगे।
व्याख्याता एल बी संवर्ग भी बनेंगे बीइओ
संविलियन होने के बाद शिक्षाकर्मियों को एल बी (ई और टी) संवर्ग में रखा गया है और अब यह संवर्ग भी राज्य के नियमित कर्मचारी है और नियमित व्याख्याता की तरह संविलियन के बाद बने व्याख्याता भी उच्च पद में अधिकारी बन सकते है।
संविलियन के बाद व्याख्याता एल बी संवर्ग को प्राचार्य ,बीइओ ,सहायक संचालक और अन्य उच्च पद में प्रभार दिया जा सकता है। इसका प्रावधान राजपत्र में भी किया गया है।
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